'मैं एक लड़की '
छोटा सा मन है, छोटे से हैं ख्वाब
मेरे
छोटी सी चाहतें, छोटी सी ख्वाहिशें
उन्हें कहना चाहूँ
तो कह न पाऊँ
बिना कहे भी तो रह
न पाऊँ
लिखना चाहूँ तो अलफ़ाज़
न मिलें
न लिखू तो खुशियों
को आवाज़ न मिले
कभी लगे की दिल खोल
के कह दूँ,
कितना तो आसान है
कहने लागूं तो लगे
कि शायद
मैं दिल से और दिल
मुझ से ही अनजान है
कभी मचलना चाहूँ लहरों
की तरह
तो कभी मन करे कि
हवा सी बह जाऊं कही
फूलों सी खिलखिला
के हंस दूँ
याँ औंस की तरह ठहरी
हुई रह जाऊं कहीं
कभी उड़ना चाहूँ खुले
आस्मां में
तो कभी गरजता भी है
दिल बादलों की तरह
कभी बर्फ की तरह पिघलती
रहूँ थोड़ी थोड़ी
तो कभी एक दम से बीत
जाऊं पलों की तरह
जब खुद का अक्स देखूं
पानी में
तो हर कोई साफ़ लगे
पानी की तरह
फिर खुद ही सहम जाऊं
डर जाऊं
पन्नों में खामोश
सी कहानी की तरह
पर कोई है जिसे भरोसा
है मुझ पर और मुझे उस पर
जिससे मेरे सवाल भी
मेरी तरह नादान रहते हैं
मेरा तो वह दोस्त
है
लोग शायद उसे भगवान
कहते हैं
बस छोटी सी चीज़ों
में छोटी सी खुशियां
छोटी सी मैं और छोटी
सी उम्मीद भी
छोटा सा मन है, छोटे से हैं ख्वाब
मेरे
छोटी सी चाहतें, छोटी सी ख्वाहिशें